“बच्चों में आत्मविश्वास कैसे बढाएं”

आत्मविश्वास का अर्थ है – अपने आप पर भरोसा। यह एक ऐसी कला है जो माता – पिता को बचपन से  ही अपने बच्चों को सिखाना चाहिए। जिससे बच्चे भविष्य में आने वाली हर परिस्थिति का सामना कर सकें और एक सफल जीवन जी सकें ।

यदि आपका बच्चा पब्लिक प्लेस या भीड़ देखकर घबराता है या विद्यालय में किसी भी प्रतियोगिता में  भाग लेने में घबराता है तो इसका अर्थ है कि बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है। प्रत्येक बच्चा अद्वितीय है और उसकी विसिष्टता उस वातावरण से आती है जो उस के समग्र व्यक्तित्व का पोषण करता है। माता व पिता बच्चे के लिए पहले शिक्षक और रोल मॉडल होते हैं, वही हैं जो उन के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को आकार देने और आत्मविश्वास से जीने का कार्य करते हैं। इसलिए विश्वास – निर्माण के जटिल कार्य को प्राप्त करने के लिए, बच्चों में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।

बच्चों में आत्मविश्वास कैसे बढाएं?

  1. माता-पिता रोल मॉडल बनें – बच्चे अपने आसपास के लोगो से, उनकी भाषा, विचार, व्यहार आदि जल्दी सीख लेते हैं। इसलिए  माता–पिता को अपने व्यहार में विश्वास दिखाने और बच्चों को इसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। “आप यह कर सकते हैं” जैसे शब्दों का प्रयोग बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने और उनका मनोबल  बढाने में अद्भुत काम कर सकता है। उन्हे नई चीजों को आजमाने और कार्य को पूरा करने के लिए  प्रेरित करें।
  2. असफलताओं को संभालना – खेल हो या शिक्षा बच्चे वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते हैं। उन्हे यह सिखाना बहुत जरूरी होता है कि आप हर चीज में सफल नहीं हो सकते और असफलता जीवन का हिस्सा है। जीवन में आने वाली हर परेशानी, ऐसी शिक्षाएं है जिनका उपयोग सफलता प्राप्त करने के लिए किया जा  सकता है। इस तरह बच्चा अधिक आत्मविश्वास महसूस करेगा और भविष्य में अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करेगा ।
  3. अपने घर को अनुशासित करें – प्रत्येक परिवार के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन सभी को करना होता है। बच्चों को लग सकता है कि नियम सख्त हैं लेकिन अनुशासन से बच्चों में सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना विकसित होती है और भविष्य में बच्चा अधिक जिम्मेदार बनेगा।
  4. रियलिटी चेक – बच्चे अक्सर अपने लिए अवास्तविक लक्ष्य निर्धारित करते हैं, जो हासिल न होने पर उन के आत्मविश्वास को चोटिल कर सकता है। माता – पिता अपने बच्चों की क्षमता को जानते हैं, इसलिए मार्गदर्शन सही दिशा में करना, बच्चों को उसकी ताकत और कमजोरियों से अवगत कराएगा। फोकस  मुख्य रूप से जीतने के बजाए सुधार पर होना चाहिए।
  5. हाथ में सहायता – बच्चे सबसे ज़्यदा सुरक्षित अपने माता – पिता के साथ महसूस करते हैं। घरेलु गतिविधियों को एक साथ करना, रसोई में मदद करने के लिए कहना, टेबल सेट करना या केक पकाना उनकी योग्यता का निर्माण करने में मदद करता है। योगदान की भावना उन के आत्मविश्वास को बढाती है और उन्हें मूल्यवान और खुश महसूस कराती है।
  6. उन्हे स्वतंत्रता दें – अपने बच्चों के प्रति सुरक्षात्मक होना अच्छा है, लेकिन अपने दोस्तों के साथ दिन की यात्राएं, व पिकनिक या सैर – सपाटे जैसी चीजों को आजमाने की आजादी देने से, स्वतंत्र रूप से योग्य बनेंगे l  जो बच्चे  आत्मविश्वासी होते हैं वे नई चीजों को आजमाने के लिए सदैव तैयार रहते हैं। कभी भी असफलता से  नही डरते।
  7. उन के साथ खेलें और उन्हें नेतृत्व करने दें – जब आप अपने बच्चों के साथ खेलते हैं तो उन्हें अपने समय के लिए महत्वपूर्ण और योग्य महसूस करा रहें हैं। बच्चा मूल्यवान, निपूर्ण और अधिक आत्मविश्वास  महसूस करता है।

बच्चों में आत्मविश्वास बढाने में माता – पिता का अहम योगदान होता है। ऐसे में बच्चों के प्रति उनका व्यवहार जितना सकारात्मक होगा उतना ही बच्चा भविष्य में आगे बढ पायेगा और उनका आत्मविश्वास बढागा l इसीलिए कहा भी गया है – मन के हारे हार है, मन कि जीते जीत”

BY खुशबु लालवानी

UC Kindies, Gopur Colony (Indore)